RBI News: आज के समय में लोन लेना आम बात हो गई है। चाहे घर हो, कार हो या फिर व्यक्तिगत खर्चों के लिए, लोन की जरूरत हर किसी को पड़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका सीबिल स्कोर आपके लोन अप्रूवल में कितना महत्वपूर्ण होता है? हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने सीबिल स्कोर से जुड़े कुछ नए नियम जारी किए हैं, जिनसे लोन लेने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये नियम क्या हैं और इनका आप पर क्या असर पड़ेगा।
सीबिल स्कोर क्या है?
सीबिल स्कोर एक तीन अंकों का स्कोर है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिटवर्थिनेस को दर्शाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, जिसमें 750 या उससे अधिक का स्कोर अच्छा माना जाता है। सीबिल स्कोर आपके वित्तीय व्यवहार का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। इसके माध्यम से बैंक और वित्तीय संस्थान यह आंकलन करते हैं कि आप अपने लोन को समय पर चुकाने की क्षमता रखते हैं या नहीं।
आरबीआई का नया नियम
आरबीआई ने हाल ही में घोषणा की है कि 1 जनवरी 2025 से, ग्राहकों का सीबिल स्कोर हर पंद्रह दिन में अपडेट किया जाएगा। इसका मतलब है कि हर महीने की पंद्रहवीं तारीख और महीने के अंतिम दिन आपका सीबिल स्कोर अपडेट हो सकता है। यह बदलाव पहले की तुलना में अधिक तेजी से आपके क्रेडिट स्कोर को प्रतिबिंबित करेगा, जिससे आपके वित्तीय व्यवहार में सुधार का प्रभाव जल्दी दिखाई देगा।
हार्ड इंक्वायरी बनाम सॉफ्ट इंक्वायरी
सीबिल स्कोर चेक करने के दो तरीके हैं – हार्ड इंक्वायरी और सॉफ्ट इंक्वायरी। जब आप स्वयं अपना सीबिल स्कोर चेक करते हैं, तो इसे “सॉफ्ट इंक्वायरी” कहा जाता है। सॉफ्ट इंक्वायरी से आपका स्कोर प्रभावित नहीं होता। लेकिन जब कोई बैंक या वित्तीय संस्थान आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करता है, जैसे कि जब आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो इसे “हार्ड इंक्वायरी” कहा जाता है।
हार्ड इंक्वायरी का प्रभाव
आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, हार्ड इंक्वायरी आपके सीबिल स्कोर को कम कर सकती है। यदि कोई बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को बार-बार चेक करता है, तो आपका स्कोर पहले की तुलना में अधिक प्रभावित हो सकता है। इसलिए, एक ही समय में कई बैंकों या वित्तीय संस्थानों से लोन के लिए आवेदन करने से बचना चाहिए।
सीबिल स्कोर कम होने के कारण
केवल बार-बार हार्ड इंक्वायरी ही नहीं, बल्कि कई अन्य कारण भी हैं जो आपके सीबिल स्कोर को कम कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं – समय पर लोन का भुगतान न करना, क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो में विसंगति, कम समय में लोन के लिए कई बार आवेदन करना, किसी ऐसे व्यक्ति का गारंटर बनना जो समय पर लोन नहीं चुकाता है, और क्रेडिट कार्ड पर समय पर भुगतान न करना।
अच्छा सीबिल स्कोर बनाए रखने के उपाय
अच्छा सीबिल स्कोर बनाए रखने के लिए कुछ उपायों का पालन करना आवश्यक है। सबसे पहले, अपने लोन और क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर करें। इससे आपका भुगतान इतिहास अच्छा रहेगा। दूसरा, अपने क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो को 30% से कम रखें, यानी अपने क्रेडिट लिमिट का अधिकतम 30% ही उपयोग करें।
लोन आवेदन से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपने सीबिल स्कोर की जांच करें। यदि आपका स्कोर 750 से कम है, तो पहले इसे सुधारने का प्रयास करें। लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार आवेदन न करें, क्योंकि हर आवेदन पर हार्ड इंक्वायरी होती है जो आपके स्कोर को कम कर सकती है। अपने सीबिल स्कोर को केवल आरबीआई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान या सीबिल की आधिकारिक वेबसाइट से ही चेक करें।
नए नियमों का उपभोक्ताओं पर प्रभाव
आरबीआई के नए नियम उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। पंद्रह दिनों में सीबिल स्कोर अपडेट होने से, यदि आप अपने वित्तीय व्यवहार में सुधार करते हैं, तो इसका प्रभाव जल्दी दिखाई देगा। लेकिन इसका मतलब यह भी है कि अगर आप कोई गलती करते हैं, जैसे कि लोन का भुगतान देर से करना, तो यह भी जल्दी आपके स्कोर में प्रतिबिंबित होगा।
सीबिल स्कोर आपके वित्तीय जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे बनाए रखने के लिए नियमित रूप से अपने लोन और क्रेडिट कार्ड का भुगतान करें, अपने क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो को नियंत्रित रखें, और बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से बचें। आरबीआई के नए नियमों के बारे में जानकारी रखना और उनका पालन करना आपके वित्तीय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार या बैंक से परामर्श करें। लेख में दी गई जानकारी लेखन के समय सही है, लेकिन समय के साथ नियमों में परिवर्तन हो सकता है। इसलिए, नवीनतम जानकारी के लिए आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट या अपने बैंक से संपर्क करें।