Home Loan EMI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। बुधवार को RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की घोषणा की, जिससे रेपो रेट अब 6.00% हो गया है। यह खबर होम लोन लेने वाले सभी लोगों के लिए राहत भरी है, क्योंकि इससे उनकी मासिक किस्त (EMI) में कमी आने की संभावना है। आइए विस्तार से समझें कि इस कटौती का आपके होम लोन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
रेपो रेट क्या है और इसका आपके होम लोन से क्या संबंध है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। जब RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो जाता है। इसका सीधा असर बैंकों की फंडिंग लागत पर पड़ता है, जिससे वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं। अक्टूबर 2019 के बाद से, सभी फ्लोटिंग रेट होम लोन को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ा गया है, जिसमें रेपो रेट भी शामिल है। इसलिए रेपो रेट में कटौती का प्रभाव होम लोन की ब्याज दरों पर अवश्य पड़ता है।
30 लाख रुपये के होम लोन पर कितनी होगी बचत?
आइए एक उदाहरण के साथ समझते हैं कि यह कटौती आपके होम लोन पर कैसा प्रभाव डालेगी। मान लीजिए आपने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लिया है, जिसकी वर्तमान ब्याज दर 9% है। इस स्थिति में आपकी मासिक EMI लगभग 26,992 रुपये होगी, और 20 वर्षों में आप ब्याज के रूप में कुल 34,78,027 रुपये का भुगतान करेंगे। कुल मिलाकर, लोन अमाउंट और ब्याज मिलकर आपको बैंक को 64,78,027 रुपये देने होंगे।
अब, रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद, अगर आपका बैंक ब्याज दर में इतनी ही कटौती करता है, तो आपके होम लोन की सालाना ब्याज दर 9% से घटकर 8.75% हो जाएगी। इस नई दर के साथ, आपकी EMI घटकर लगभग 26,511 रुपये हो जाएगी, जो हर महीने 481 रुपये की बचत है। 20 साल में आपका कुल ब्याज भुगतान भी घटकर लगभग 33,62,717 रुपये रह जाएगा, और कुल मिलाकर आपको 63,62,717 रुपये देने होंगे। इस प्रकार, 20 वर्षों में आपकी कुल बचत लगभग 1,15,310 रुपये होगी।
EMI कम करें या लोन अवधि?
जब ब्याज दरों में कटौती होती है, तो बैंक आमतौर पर आपको दो विकल्प देते हैं: या तो आप अपनी EMI राशि कम कर सकते हैं, या फिर लोन की अवधि (टेन्योर) को कम कर सकते हैं। अगर आप अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार वर्तमान EMI राशि का भुगतान आरामदायक रूप से कर सकते हैं, तो टेन्योर को कम करना अधिक लाभदायक हो सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि आप ब्याज दर 8.75% होने के बाद भी अपनी मासिक EMI को 26,992 रुपये पर ही बनाए रखते हैं, तो आपके लोन की कुल EMI संख्या 240 से घटकर 229 हो जाएगी। इसका मतलब है कि आपको उतना ही लोन चुकाने के लिए 11 EMI कम देनी होगी, और आपका लोन 11 महीने पहले खत्म हो जाएगा। इससे आपकी कुल बचत 11 x 26,992 रुपये = 2,96,912 रुपये होगी, जो EMI घटाने से होने वाली बचत से दोगुनी से भी अधिक है।
रेपो रेट कटौती का बैंकों पर प्रभाव
यह समझना महत्वपूर्ण है कि RBI के रेपो रेट घटाने का मतलब यह नहीं है कि वाणिज्यिक बैंकों की ब्याज दरें स्वचालित रूप से घट जाएंगी। हालांकि, अक्टूबर 2019 के बाद से, सभी फ्लोटिंग रेट होम लोन को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ा गया है, जिसमें रेपो रेट भी शामिल है। इसका मतलब है कि रेपो रेट में किए गए बदलावों का प्रभाव बैंकों की होम लोन दरों पर अवश्य पड़ेगा।
रेपो रेट को पॉलिसी रेट या नीतिगत ब्याज दर भी कहा जाता है। यह RBI की मौद्रिक नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो यह संकेत देता है कि केंद्रीय बैंक इस समय किस प्रकार की आर्थिक नीति अपना रहा है और वाणिज्यिक बैंकों के लिए उसका क्या संदेश है। जब रेपो रेट कम होता है, तो यह आमतौर पर अर्थव्यवस्था को गति देने और उधार लेने को प्रोत्साहित करने का संकेत होता है।
कैसे लाभ उठाएं इस कटौती का?
अगर आपके पास पहले से ही होम लोन है, तो आपको अपने बैंक से संपर्क करके पता करना चाहिए कि वे ब्याज दरों में कटौती का लाभ कैसे दे रहे हैं। कुछ बैंक इस लाभ को स्वचालित रूप से आपके खाते में लागू कर देंगे, जबकि अन्य बैंकों में आपको औपचारिक रूप से आवेदन करना पड़ सकता है।
यदि आप नया होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह अच्छा समय हो सकता है, क्योंकि ब्याज दरें अब कम हो गई हैं। विभिन्न बैंकों की दरों की तुलना करें और अपने लिए सबसे अच्छी डील चुनें। साथ ही, यह भी विचार करें कि आप EMI का भुगतान आरामदायक रूप से कर सकते हैं, ताकि भविष्य में किसी वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े।
RBI की रेपो रेट में कटौती के निर्णय से होम लोन लेने वालों को निश्चित रूप से राहत मिलेगी। चाहे आप EMI राशि कम करने का विकल्प चुनें या लोन अवधि को कम करें, दोनों स्थितियों में आपको वित्तीय लाभ होगा। हालांकि, जैसा कि हमने देखा, यदि आप वर्तमान EMI राशि का भुगतान जारी रख सकते हैं, तो लोन अवधि को कम करने से अधिक बचत होगी और आप जल्दी से ऋण मुक्त हो जाएंगे। अपने वित्तीय लक्ष्यों और क्षमताओं के अनुसार सबसे अच्छा विकल्प चुनें।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। व्यक्तिगत वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। ब्याज दरें और नियम बैंक से बैंक में भिन्न हो सकते हैं और समय-समय पर परिवर्तन के अधीन हैं।